माँ भारती के अमर सपूत, भारत की एकता, अस्मिता व अखंडता हेतु अपने प्राणों का बलिदान देने वाले प्रखर राष्ट्रवादी राजनेता व विचारक, महान शिक्षाविद्, जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष तथा हमारे पथ प्रदर्शक श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर प्रतापगढ़ में आयोजित “संगोष्ठी कार्यक्रम” को सम्बोधित किया I
राष्ट्रवाद की विचारधारा,एकता और अखंडता की प्रतिबद्धता के लिए आजादी के बाद के इतिहास में अगर किसी एक राजनेता का स्मरण आता है तो वह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी हैं।
डॉ. मुखर्जी जी ने राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन राष्ट्रीय एकता-अखंडता हेतु समर्पित रहा।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति और देश की एकता-अखंडता व सुरक्षा के साथ उनकी खिलवाड़ करने की प्रवृत्ति के खिलाफ आवाज दी थी।
उन्होंने स्पष्ट कहा था कि ‘एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे, और इसके लिए उन्होंने स्वयं को बलिदान किया।