“सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि,विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा”विद्यालय ही एक मात्र साधन है जो एक बालक को प्रेम, स्वतंत्रता और ईमानदारी सिखाती है और एक शिक्षित समाज बनाने का योगदान देता है,इसी क्रम में आज लखनऊ इंद्रानगर के “कैनौसा स्कूल” में विद्या आरंभ कार्यक्रम में उपस्थित होकर अपने विचार रखने का अवसर मिला।