“काल के कपाल पर,लिखता मिटाता हूं,गीत नया गाता हूं,गीत नया गाता हूं” देश के पूर्व प्रधानमंत्री परम श्रद्धेय पंडित अटल बिहारी बाजपेई जी ने एक नेता व कवि के तौर पर जो ख्याति अर्जित की,उससे भी कहीं अधिक उनके विराट व्यक्तित्व की चर्चा है,और होनी भी चाहिए,जिसका सम्मान विरोधी भी ईमानदारी से करें वह कितना बड़ा होगा,अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है,गोंडा में सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कार्यकर्ताओ को सम्बोधित किया।