यह अभियान 125 दिनों का है और यह मिशन मोड में चलाया जाएगा. एक ओर, यह 25 विभिन्न प्रकार के कार्यों के कार्यान्वयन और कार्यों को तीव्र करके प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करेगा और दूसरी ओर देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये के फंड की मंजूरी दी गई है. 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के साथ इस अभियान में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा इन 6 राज्यों को चुना गया है, जिसमें इच्छा जताने वाले 27 जिले शामिल हैं. ऐसा अनुमान है कि इन जिलों से 2/3 प्रवासी श्रमिकों को कवर किया जाएगा या लाभान्वित होने का अनुमान है. यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों या विभागों जिनमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि सहित एक समन्वित प्रयास होगा. इसलिए, हम कह सकते हैं कि ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ एक व्यापक ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना है, जो 20 जून, 2020 को भारत सरकार द्वारा शुरू की जाएगी. COVID-19 महामारी लॉकडाउन में जो प्रवासी मजदूर अपने घर आ गए हैं उनको रोजगार के अवसर प्रदान किये जाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा.