बचपन से ही मैंने अपने पिता जी को शिक्षा और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में समर्पित भाव से कार्य करते हुए देखा। उनके कार्यों और मूल्यों ने मेरे मन-मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ी और तभी से यह संकल्प लिया कि जीवन में कुछ ऐसा करूँगा जिससे समाज और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आ सके। यही कारण रहा कि इंजीनियरिंग और प्रबंधन की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद मैंने किसी नौकरी को नहीं चुना, बल्कि अपने पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने के मार्ग पर अग्रसर हो गया।
समय के साथ कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना की, और बच्चों की शिक्षा को सरल, प्रभावी और नवाचारी बनाने के लिए अनेक प्रयोग किए। इन प्रयासों को समाज से निरंतर सहयोग और मान्यता मिलती रही, जिससे प्रेरणा और बढ़ती गई।
अब, समाज सेवा के क्षेत्र में एक नई जिम्मेदारी को निभाने का अवसर मिला है। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे स्नातक क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य के प्रत्याशी के रूप में नामित कर आपकी सेवा का आदेश दिया है। यह मेरे लिए गर्व का विषय है और साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी भी।
मुझे विश्वास है कि जैसे अब तक आपका आशीर्वाद, सहयोग और स्नेह मिलता रहा है, वैसे ही आगे भी मिलेगा। मैं इस नई जिम्मेदारी में आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूर्ण प्रयास करूंगा।
सादर,
अवनीश कुमार सिंह
इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह: शिक्षा, समाज सेवा और नवाचार के प्रतीक
इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं — वे एक उत्कृष्ट शिक्षाविद, दूरदर्शी योजनाकार और समाजसेवा के प्रति पूर्णतः समर्पित एक प्रेरणास्रोत हैं। बेसहारा, वंचित और पिछड़े वर्ग के लोगों की सहायता करना उनकी सामाजिक चेतना का मूल तत्व है। शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम मानते हुए वे लगातार इस दिशा में नवाचार कर रहे हैं, ताकि भावी पीढ़ी को बेहतर भविष्य की राह दिखायी जा सके।
उन्हें समाज सेवा और शिक्षा का यह संस्कार विरासत में प्राप्त हुआ है। उनके पिता, स्व. श्री लाल सिंह, न केवल एक कुशल शिक्षाविद थे, बल्कि एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। वर्ष 1965 में उन्होंने हरदोई जिले के अत्यंत पिछड़े गांव तेरवा, दहिगवां में एक प्राथमिक विद्यालय की स्थापना कर ग्रामीण शिक्षा की नींव रखी। उसी प्रेरणा के मार्ग पर चलते हुए अवनीश कुमार सिंह ने इंजीनियरिंग और प्रबंधन की उच्च शिक्षा प्राप्त की, लेकिन कैरियर की परंपरागत राहों से हटकर शिक्षा के क्षेत्र को अपने जीवन का ध्येय बना लिया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सुभाष चंद्र बोस शैक्षिक समूह की स्थापना
ग्रामीण युवाओं और बच्चों को गुणवत्ता आधारित उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्होंने ‘सुभाष चंद्र बोस शैक्षिक समूह’ की स्थापना की। इस मंच के माध्यम से वे लगातार शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव योजनाएं संचालित कर रहे हैं, जो न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक बदलाव की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
‘मेधावी-40’: प्रतिभाओं को पंख देने की एक अनूठी पहल
इंजीनियर सिंह की एक अत्यंत सराहनीय पहल है “मेधावी-40” — एक ऐसा शैक्षिक मॉडल जो ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर, परंतु मेधावी छात्रों के लिए समर्पित है। इस योजना का उद्देश्य ऐसे छात्रों को निःशुल्क, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयुक्त उच्चस्तरीय शिक्षा प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनें और देश के विकास में योगदान दे सकें।
‘पाठशाला – द ग्लोबल स्कूल’: प्रयोगात्मक शिक्षा का उदाहरण
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उन्होंने ‘पाठशाला – द ग्लोबल स्कूल’ की स्थापना की। इस स्कूल में बच्चों को अत्याधुनिक तकनीक व नवाचारी पद्धतियों से शिक्षा दी जाती है, जिससे वे केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन के लिए भी तैयार हो सकें। इस प्रयास को फिनलैंड जैसे शिक्षा-उन्नत देश में अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराहना मिल चुकी है।
आर्गेनिक खेती: ग्रामीण विकास की दिशा में एक और कदम
इजरायल में आयोजित यूथ लीडरशिप प्रोग्राम से प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात, उन्होंने अपने गांव लौटकर किसानों और युवाओं को आर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित किया। उनके मार्गदर्शन में कई युवाओं ने इस क्षेत्र में सफल उद्यमी बनकर न केवल अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार का अवसर उत्पन्न किया।
समर्पण, संवेदना और सेवा का जीवंत उदाहरण
इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह की हर पहल में एक ही लक्ष्य केंद्र में रहा है — समाज का समग्र और टिकाऊ विकास। शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम हों या खेती में नवाचार, उनके कार्यों में दूरदृष्टि, योजना और मानवीय संवेदना का अद्भुत संतुलन दिखाई देता है।
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प्रमुख उपलब्धियां एवं जिम्मेदारियां
इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह
विधान परिषद सदस्य, लखनऊ खण्ड स्नातक क्षेत्र, उत्तर प्रदेश
सार्वजनिक जीवन एवं शैक्षणिक नेतृत्व
- विधान परिषद सदस्य — लखनऊ खण्ड स्नातक क्षेत्र, उत्तर प्रदेश
- अध्यक्ष — सुभाष चंद्र बोस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स
- संस्थापक सदस्य — उत्तर प्रदेश सेल्फ फाइनेंस कॉलेज वेलफेयर एसोसिएशन, लखनऊ
- अध्यक्ष — क्रीड़ा भारती, अवध प्रान्त
- सदस्य — अखिल भारतीय विज्ञान संघ, आगरा
शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं संचालन
संस्थापक अध्यक्ष के रूप में स्थापित संस्थान:
- सुभाष चंद्र बोस एजुकेशनल सोसाइटी, लखनऊ-हरदोई (स्थापना: 1965)
- शिशु समाज शिक्षा केंद्र, तेरवा, दहिगवां, हरदोई (स्थापना: 1965)
- सुभाष चंद्र बोस पी. जी. कॉलेज, कहली, हरदोई (स्थापना: 1999)
- सुभाष चंद्र बोस प्राइवेट आई.टी.आई., कहली, हरदोई (स्थापना: 2012)
- सुभाष चंद्र बोस विधि महाविद्यालय, कहली, हरदोई (स्थापना: 2012)
- सुभाष चंद्र बोस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, हरदोई (स्थापना: 2018)
- सुभाष चंद्र बोस इंस्टिट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन, प्रबंधनगर, लखनऊ (स्थापना: 2013)
- पाठशाला – द ग्लोबल स्कूल, कहली, हरदोई (स्थापना: 2015)
- देवीदयाल इंटर कॉलेज, सुभानखेड़ा, हरदोई
प्रबंधक के रूप में:
- सुभाष इंटर कॉलेज, तेरवा, हरदोई (स्थापना: 1965)
- सुभाष इंटर कॉलेज, जलीहापुर, हरदोई (स्थापना: 1975)
संरक्षक/सहयोगी पदों पर भूमिका
- संरक्षक — स्वामी विवेकानन्द कॉलेज ऑफ हायर एजुकेशन, उन्नाव
- संरक्षक — श्री विमलनाथ प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय, सिधौली, सीतापुर
- उपाध्यक्ष — महावीर महिला महाविद्यालय, लखनऊ
- उपप्रबंधक — चौधरी बेचेलाल महाविद्यालय, लखीमपुर