भारत की एकता को समर्पित श्याम प्रसाद मुखर्जी

“मैं जम्मू-कश्मीर को भारतीय संविधान प्रदान करूँगा, या इसके लिए अपना जीवन बलिदान कर दूँगा।”

अखंड भारत के स्वप्नद्रष्टा, प्रखर राष्ट्रभक्त, भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष, भारत की एकता और आत्मबल के प्रतीक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की पुण्य जयंती पर आज माननीय यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के साथ उन्हें करबद्ध नमन।

“एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे” का उद्घोष कर उन्होंने धारा 370 और 35A को हटाने के ऐतिहासिक संकल्प का बीज बोया, जो आज एक सशक्त और एकीकृत भारत का आधार बना।

डॉ. मुखर्जी ने राष्ट्र के स्वाभिमान, आत्मसम्मान और संप्रभुता की रक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनका दूरदर्शी नेतृत्व, निर्भीक विचार और राष्ट्र के लिए समर्पण आज भी हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत है।

शत् शत् नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि।