सदस्य विधान परिषद् लखनऊ खण्ड-स्नातक, उत्त्तर प्रदेश

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  • प्रवासी मज़दूरों सहित अन्य फंसे हुए लोगों के अंतर-राज्य स्थानांतरण को सुगम बनाया ।

    केंद्र ने COVID-19 महामारी के चलते देश में प्रवासी मज़दूरों सहित अन्य फंसे हुए लोगों के अंतर-राज्य स्थानांतरण को सुगम बनाया
    COVID – 19 से लड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंध के परिणामस्वरूप, देश में विभिन्न स्थानों पर प्रवासी मज़दूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति फंसे हुए हैं। अब, केंद्र ने सड़क से इन फंसे हुए लोगों के स्थानांतरण की अनुमति दी है। संबंधित राज्यों द्वारा एक दूसरे से परामर्श करने और पारस्परिक रूप से सहमत होने के बाद उन्हें एक से दूसरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के बीच स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी।
    इस बात पर बल दिया गया है कि उनके गंतव्य पर पहुंचने पर, ऐसे व्यक्ति (ओं) का मूल्यांकन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया जाए, और उन्हें होम क्वारंटाइन में रखा जाए, जब तक कि आकलन के लिए व्यक्ति को इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन में रखने की आवश्यकता न हो। इसके अलावा, उन्हें समय-समय पर स्वास्थ्य जांच के साथ रखा जाए।
    इस प्रयोजन के लिए, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे व्यक्तियों को आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें जिनके माध्यम से उनकी स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी रखी जा सके और ज़रूरत पडने पर उनका पता लगाया जा सके।

  • वर्तमान में कोरोना मरीजों की दोहरीकरण दर लगभग 10 दिन हो गयी है।

    देश में कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए भारत सरकार राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों के सहयोग से क्रमिक, अग्रसक्रिय और पहले से अधिकृत प्रतिक्रिया रणनीति के माध्‍यम से विभिन्न कदम उठा रही है। इन निर्णयों और कदमों की उच्चतम स्तर पर नियमित समीक्षा और निगरानी की जा रही है।
    केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग और उसके 18 स्‍वायत्‍त निकायों तथा पीएसयू के निदेशकों/प्रमुखों द्वारा संचालित शोध कार्य की समीक्षा की। उन्‍होंने ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत कोविड-19 के लिए एंटीबॉडी डिटेक्‍शन किट्स, रियल-टाइम पीसीआर आधारित डिटेक्‍शन किट्स और वैक्‍सीन के विकास के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।
    केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल श्री अनिज बैजल, दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्री सत्‍येंद्र जैन, दिल्‍ली के समस्‍त जिलों के एमसीडी आयुक्‍तों, डीएम और डीसीपी, केंद्र/राज्‍य और जिला निगरानी अधिकारियों और सरकारी अस्‍पतालों के प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिए दिल्‍ली में कोविड-19 निगरानी की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक के दौरान श्री राजेश भूषण, ओएसडी (स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय) और डॉ एस के सिंह, निदेशक (एनसीडीसी) भी मौजूद थे।
    स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने बहुत हल्‍के/पूर्व लक्षणात्‍मक रोगियों के लिए घर में आइसोलेशन में रहने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिन मरीजों के लिए उनके घर में सेल्‍फ-आइसोलेशन की आवश्‍यक सुविधा मौजूद है, उनके पास घर में आइसोलशन का विकल्‍प होगा। ये दिशानिर्देश स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के संदिग्‍ध/ पु‍ष्‍ट मामलों के उचित प्रबंधन के लिए 7 अप्रैल 2020 को जारी दिशा-निर्देशों के अतिरिक्‍त हैं। ये दिशा-निर्देश एक्‍सेस करने के लिए https://www.mohfw.gov.in/pdf/GuidelinesforHomeIsolationofverymildpresymptomaticCOVID19cases.pdf पर उपलब्‍ध हैं।
    कोविड-19के लिए प्‍लाज्‍मा थेरेपी के बारे में आईसीएमआर की ओर से पहले ही स्‍पष्‍ट रूप से कहा जा चुका है कि वर्तमान में कोविड-19 के लिए प्‍लाज्‍मा थेरेपी सहित कोई भी स्‍वीकृत थेरेपी नहीं है। यह उन अनेक थेरेपीज में से एक है, जिन पर इस समय प्रयोग किये जा रहे हैं। हालांकि अभी तक इसके उपचार होने के बारे में कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। आईसीएमआर ने इस थेरेपी के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक राष्‍ट्रीय अध्‍ययन भी आरंभ किया है। हालांकि यह स्‍पष्‍ट करने की जरूरत है कि जब तक आईसीएमआर का यह अध्‍ययन पूरा नहीं हो जाता और पुख्‍ता वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्‍ध नहीं हो जाते, शोध और परीक्षण के उद्देश्‍यों के अलावा इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। वास्‍तविकता तो यह है कि प्‍लाज्‍मा थेरेपी के उपयोग से जीवन को संकट में डालने वाली जटिलताएं भी हो सकती हैं। प्‍लाज्‍मा थेरेपी के अध्‍ययन से इतर उपयोग के बारे में आईसीएमआर की ओर से पहले ही विस्‍तृत दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं।
    आज तक देश में 17 ऐसे जिले ऐसे हैं, जहां पहले मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पिछले 28 दिन से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। कल से इस सूची में एक नए जिले का नाम भी जुड़ गया है (दो नए जिले जोड़े गए, जबकि एक जिले का नाम पिछली सूची से हटा दिया गया है)। जो जिले इस सूची में नए जोड़े गए हैं उनमें कालिम्पोंग (पश्चिम बंगाल) और वायनाड (केरल) शामिल हैं। इस सूची से हटाया गया जिला लखीसराय (बिहार) है।
    अभी तक 23.3 प्रतिशत की सुधार दर से 6,868 लोगों का उपचार किया जा चुका है। अभी तक देश में कोविड-19 के 29,435 पॉजिटिव मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
    कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मामलों के बारे में सभी प्रकार की विश्‍वसनीय और अद्यतन जानकारी, दिशा-निर्देशों एवं परामर्शों के लिए कृपया नियमित रूप से https://www.mohfw.gov.in/ देखें।
    कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्‍नों को technicalquery.covid19@gov.in और अन्य प्रश्‍नों को ncov2019@gov.in पर ई-मेल के माध्‍यम से भेजा जा सकता है और @CovidIndiaSeva पर ट्वीट के रूप में भेजा जा सकता है।
    कोविड-19 के बारे में किसी भी प्रश्‍न के बारे में कृपया स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय को हेल्‍पलाइन नम्‍बर : +91-11-23978046 या 1075 (टोल फ्री) पर सम्‍पर्क करें। कोविड-19 के बारे में राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों के हेल्‍पलाइन नम्‍बरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर भी उपलब्‍ध है।
    प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और देशवासियों के सहयोग से आज भारत कोरोना महामारी पर काबू पाने की ओर अग्रसर है। पिछले 14 दिनों में 25 राज्यों के 85 जिलों से कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। वर्तमान में कोरोना मरीजों की दोहरीकरण दर लगभग 10 दिन हो गयी है।

  • साबुन और पानी से बार-बार अपने हाथों को धोएं।

    कोरोना वायरस से बचाव के लिए साबुन और पानी से बार-बार अपने हाथों को धोएं। हम सब मिलकर कोरोना वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए बुनियादी उपायों का पालन करें। इस जानकारी को लोगों में साझा करें और अपनी सुरक्षा के लिए हमारी मदद करें।

  • विद्यार्थियों की शिक्षा एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है

    आज वेबिनार के माध्यम से देशभर के अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद किया और COVID-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से उनके मन में उठ रहे विभिन्न सवालों के जवाब दिए।इस वेबिनार संवाद से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक और गुवाहाटी से लेकर गुजरात तक लगभग 20000 अभिभावक जुड़े। विभिन्न योजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू किया जिसका लाभ देश के 33 करोड़ छात्र कभी भी और कहीं से भी उठा सकते हैं। लॉक डाउन में विद्यार्थियों की शिक्षा का नुकसान कैसे कम किया जाए इस सवाल के जवाब में उन्होनें कहा कि मंत्रालय के विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विद्यार्थियों की शिक्षा जारी है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के केवल दीक्षा प्लेटफार्म पर ही 80,000 से ज्यादा पाठ्यसामग्री उपलब्ध है और लॉकडाउन के समय में इसको उपयोग में लाने की दर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है, उन्होंने आगे कहा कि इस समय करोड़ो विद्यार्थियों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लॉक डाउन के कारण शिक्षा का नुकसान ना हो इसके लिए एनसीआरईटी द्वारा वैकल्पिक कैलेंडर बनाया गया है और सीबीएसई को भी नया शैक्षणिक कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों के करियर संबंधी, परीक्षा संबंधी और अन्य कई सवालों के जवाब दिए।
    उन्होनें इस दौरान यह भी बताया कि मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के साथ संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित करने में लगा है कि इस मुश्किल घड़ी में भी छात्रों की पढाई जारी रहे। इसी संदर्भ में कल वह सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे जिसमें विशेष रूप से कोविद-19 से उत्पन्न हुई शैक्षणिक चुनौतियों से निपटने, मिड डे मील और समग्र शिक्षा के बारे में चर्चा की जाएगी।

  • चिकित्सा कार्मिकों के लिए आवश्यक कवरआल की उत्पादन क्षमता बढ़ी

    देश में कोविड-19 मामलों का उपचार कर रहे चिकित्सा कार्मिकों के लिए आवश्यक कवरआल की उत्पादन क्षमता बढ़ा कर प्रति दिन एक लाख से अधिक की गई है, अब तक लगभग दस लाख कवरआल का उत्पादन हो चुका है यह कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में अच्छी बढ़त है बंगलुरु ने पीपीई कवरआल उत्पादन में रास्ता दिखाया, तमिलनाडु में चेन्नई एवं तिरुपुर, पंजाब में फागवाड़ा एवं लुधियाना, एनसीआर में गुरुग्राम एवं नोएडा भी पीपीई कवरआल उत्पादन के हब बन गए हैं सरकार आपूर्ति श्रंखला को युक्तिसंगत बनाने, बाधाओं को दूर करने एवं निरंतर आपूर्ति बनाये रखने के लिए विभिन्न उद्योग निकायों एवं विनिर्माताओं के साथ कार्य कर रही है ।

  • हमें मिलकर COVID19 से लड़ना है।

    आवश्यक सेवा प्रदान करने वाले लोग अपने अथक परिश्रम से हमारी सुविधाओं का ध्यान रखते हैं। उन्हें निशाना बनाकर उनके साथ दुर्व्यवहार न करें। हमें मिलकर COVID19 से लड़ना है।

  • कोरोना ऑनलाइन वालंटियर से मिलकर जीतेंगे कोरोना से जंग ।

    भूख से बड़ा कोई दुख नहीं होता। भूखों को हमें नहीं भूलना है। इस मुश्किल घड़ी में अपने आसपास रहने वाले भूखे लोगों को याद करने के साथ संकल्प लीजिए कि लॉकडाऊन का उन पर कोई असर न हो।

  • समस्त महान विभूतियों को कोटि कोटि नमन ।

    भारतीय जनता पार्टी के 40वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर मैं उन सभी महान विभूतियों को नमन करता हूँ जिनकी निस्वार्थ सेवा और समर्पण से पार्टी आज इस शिखर पर पहुंची है, भाजपा के समस्त कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

  • लॉकडाउन के दौरान अब नहीं होगी कृषि प्रभावित

    लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और संबंधित सेवाओं के लिए मिली छूट फसलों की कटाई में भी नहीं आएगी बाधा, खाद्यान्न की उपलब्धता होगी सुनिश्चित। कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और इससे संबंधित सेवाओं में जुटे लोगों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए इन्हें छूट प्रदान कर दी गई है। इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी। केंद्र सरकार ने कटाई तथा बुवाई जैसे कृषि कार्यों, उत्पादों की खरीद एवं बिक्री को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए पूरे देश में भौतिक लॉकडाउन से कृषि एवं कृषि सम्बन्धी कार्यों को बाहर रखने का निर्णय लिया है ।