इंजी० अवनीश कुमार सिंह

सदस्य विधान परिषद् लखनऊ खण्ड-स्नातक, उत्त्तर प्रदेश

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  • पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करने का आवाहन किया ।

    भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश मुख्यालय पर स्नातक-एमएलसी व शिक्षक-एमएलसी चुनाव को लेकर प्रतापगढ़,बाराबंकी, लखनऊ महानगर एवं लखनऊ जिले के जिला संयोजक, विधानसभा संयोजक व जिला समन्वयक के साथ माननीय उपमुख्यमंत्री आदरणीय श्री दिनेश शर्मा जी ने आगामी कार्यक्रमों को लेकर संगठनात्मक योजना को मूर्त रूप देने के लिए विस्तृत रूप से चर्चा की अधिक से अधिक मतदाताओं से संपर्क कर उनको पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करने का आवाहन किया, इस बैठक में लखनऊ खंड प्रभारी स्नातक, श्री नीरज बोरा जी, खंड प्रभारी शिक्षक, श्री बंबा लाल दिवाकर, क्षेत्रीय मंत्री श्री अजीत सिंह जी ,क्षेत्रीय महा-मंत्री श्री दिनेश तिवारी जी, शिक्षक एमएलसी प्रत्याशी श्री उमेश द्विवेदी जी, समेत भाजपा के जिला पदाधिकारीगण व देवतुल्य कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। और सभी ने स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव जिताने का संकल्प लिया।

  • जनसम्पर्क स्थापित कर चुनाव में समर्थन का निवेदन किया ।

    जनपद बाराबंकी में जनसम्पर्क स्थापित कर चुनाव में समर्थन का निवेदन किया तथा पूर्व सांसद-प्रतिनिधि श्री राजेश वर्मा जी के आवास पर स्नातक-एमएलसी-चुनाव के सम्बंध में बैठक हुयी जिसमें बिजली -विभाग के कर्मचारी, शिक्षक संगठन के गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे इसके अतिरिक्त यूटा के अध्यक्ष आशु वर्मा जी, प्राथमिक शिक्षक संघ के पवन वर्मा जी, सफाई कर्मचारी संघ के विनोद् वर्मा जी, अमित वर्मा जी, शिक्षामित्र तथा विभिन्न सम्मानित कार्यकर्ता बन्धु उपस्थित रहे।

  • विश्व-धर्म-सम्मेलन में दिए ऐतिहासिक व्याख्यान के 127 वर्ष पूर्ण।

    माँ भारती के उपवन के सबसे सुरभित पुष्प,स्वामी विवेकानंद जी द्वारा ‘शिकागो-विश्व-धर्म-सम्मेलन’ में दिए ऐतिहासिक व्याख्यान के 127 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व एमएलसी- लखनऊ-खंड क्षेत्र, श्री विंध्यवासिनी जी, क्षेत्रीय मंत्री-श्री जयति श्रीवास्तव जी, उप-महापौर-श्री रजनीश गुप्ता जी तथा वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश जी (तूफानी) के साथ स्वामी जी की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित किया ।

  • JEE और NEET के परीक्षार्थियों के लिए बने मददगार ।

    मुझे अपने पुराने दिन याद हैं कि किस तरह इंजीनियरिंग परीक्षाओं के लिए मैं और दूसरे साथी दिन-रात जूझा करते थे. आज कई साथी विदेशों में हैं, बड़ी कम्पनियों में हैं. मैं जरा सोशल था तो राजनीति में आ गया. इन्हीं पुराने साथियों से बातचीत में दरअसल इस तरह का कुछ करने का विचार आया, जो सबके सहयोग से हकीकत में बदल चुका है.

  • स्नातक चुनाव-हेतु बूथ-निर्धारण के सम्बन्ध में बैठक हुई ।

    हरदोई में जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ, स्नातक चुनाव-हेतु बूथ-निर्धारण के सम्बन्ध में बैठक हुई।

  • सण्डीला में बूथ सत्यापन के सम्बंध में बैठक।

    हरदोई के सण्डीला में बूथ सत्यापन के सम्बंध में बैठक हुई, जिसमें सण्डीला ग्रामीण के उत्तर प्रदेश ग्राम विकास बैंक लिमिटेड-अध्यक्ष, विष्णु दयाल शुक्ला जी, मंडल-अध्यक्ष, हर्षवर्धन मिश्रा जी एंव सण्डीला ग्रामीण के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।

  • भविष्य गढ़ने के इरादों को नहीं थाम पाएगा कोविड ।

    ऐसा नहीं कि कोविड की विभीषिका से एनटीए, जो जेईई मेन और नीट परीक्षा कराने जा रही है वह अनभिज्ञ है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने सितंबर की परीक्षा के लिए खास तैयारी की है

    जेईई और नीट परीक्षाओं के कराए न कराए जाने के सवाल ने पूरे देश को मथ डाला है. कोविड महामारी से जूझती केंद्र सरकार के सामने भी बेशक यह धर्मसंकट रहा ही होगा कि भारत के भविष्य निर्माण के कदमों को थाम दिया जाए कि सावधानी के साथ आगे की तरफ बढ़ा जाए. अब जब पूरी दुनिया यह मान चुकी है कि कोविड से लड़ने का एकमात्र रास्ता ‘सावधानी की जिन्दगी’ है तो यह अहम जवाब मिल रहा है कि क्यों न मॉस्क, सोशल दूरी सरीखे ‘न्यू-नार्मल’ के साथ आगे बढ़ा जाए? नरेन्द्र भाई की सरकार का परीक्षा कराए जाने का निर्णय दरअसल इसी सोच का प्रतिफल है.

    मध्यवर्गीय परिवारों के सपनों को बढ़ाना होगा

    भारतीय सपनों से जो भली तरह वाकिफ हैं वो जानते हैं कि बच्चों के जन्म के साथ, कई बार तो जन्म के पहले से ही, तय हो जाता है कि बच्चा डॉक्टर बनेगा या इंजीनियर ? आगे के पन्द्रह-सोलह साल सभी इसी ख्वाब को पोसने में लगे रहते हैं. कोचिंग सेंटर, स्कूल चयन, शिक्षक, शिक्षा का शहर, आस-पास की कम्युनिटी और मिलना-मिलाना, समारोहों में जाना या न जाना, मनोरंजन आदि-आदि पूरा परिवार मिलकर तय करता है और निर्णय की धुरी यही परीक्षा ही होती है.
    बेशक, इस साल भी देश के लाखों परिवारों में सालों से ऐसे ही सपनों को जिया जा रहा था. मगर अचानक कोविड सरीखी महामारी ने सब कुछ उलझा दिया. पूरी दुनिया लॉकडाउन और अनलॉक में उलझी तो लाखों सपने भी इसी भंवर में फंस गए. लेकिन केंद्र सरकार के कड़े, कुछ अप्रिय, दूर भविष्य के लिए हुए फैसले ने देश को आगे की राह दिखाई है.

    ठहर जाना तो हिन्दुस्तान का विकल्प नहीं

    दरअसल, किसी भी देश के लिए यह विकल्प नहीं है कि उसे लम्बे अर्से तक तालों में जकड़ दिया जाये. जंजीरों की जकड़ धीरे-धीरे हल्की करनी होगी, सावधानी के साथ हालात से जूझना होगा. कोविड से लड़ाई का भी फिलहाल यही एक मात्र रास्ता है. बीते महीनों में क्रमश: ढ़ील भी दरअसल इसी रणनीति का ही हिस्सा थी. अब जब कोरोना का रिकवरी रेट 75 फीसदी तक जा पहुंचा है तो धीरे-धीरे हमें भविष्य तैयार करने की राह पर भी बढ़ना ही होगा.
     
    सरकार की बेहतर जागरूकता पॉलिसी का ही नतीजा है कि आज हर शहरी-गंवई शख्स यह भली भांति जानता है कि इस कोविड काल में उसका बर्ताव कैसा होना चाहिए? तकरीबन हर चेहरे पर मॉस्क और ठेलने-धकेलने की हड़बड़ी से सार्वजनिक जीवन में परहेज इसी जागरूकता का ही तो नतीजा है.

    ‘विरोध’ के लिए विरोध ठीक नहीं

    इस कोविड काल में जब विरोधी दलों को सरकार के साथ जिन्दगी को आगे बढ़ाने की कवायद में तन-मन-धन से जुटना चाहिए था, वो विरोध की सियासत में अपनी ताकत खपा रही हैं. यह यही बताता है कि परिवार वाद के सहारे सियासत में ठौर ढूंढ रहे नेताओं को शायद जमीनी मध्यवर्गीय सपनों का इल्म नहीं और न ही देश को आगे बढ़ा ले जाने की मंशा ही है. वो आपदा में सत्ता के मुंगेरी सपने बुनने में ही लगे हैं. आपको बेशक यह पता ही होगा कि जब देश भर में परीक्षा के विरोध का ताना-बाना बुना जा रहा था तो देश-दुनिया के 150 से ज्यादा प्रोफेसर्स प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी को जल्द परीक्षा करवाने की मांग का पत्र लिख रहे थे. पत्र में लिखा गया कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा यानी जेईई मेंस और नीट में यदि और देरी हुई तो छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा. पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में डीयू, इग्नू, लखनऊ यूनिवर्सिटी, जेएनयू, बीएचयू, आईआईटी दिल्ली और लंदन यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम और इजराइल के बेन गुरियन यूनिवर्सिटी के भारतीय प्रोफेसर्स शामिल हैं.
    ऐसा नहीं कि कोविड की विभीषिका से एनटीए, जो जेईई मेन और नीट परीक्षा कराने जा रही है, अनभिज्ञ है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने सितंबर की परीक्षा के लिए खास तैयारी की है. परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने, एक सीट छोड़कर बैठाने, प्रत्येक कमरे में कम उम्मीदवारों को बैठाने और प्रवेश-निकास की अलग व्यवस्था जैसे खास कदम उठाकर छात्रों को परीक्षा का बेहतर माहौल दिया जायेगा. एनटीए ने अपने एक बयान में साफ-साफ कहा है कि जेईई के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 की गई हैं जबकि नीट परीक्षा अब 2,546 केंद्रों की बजाय 3,843 केंद्रों पर होगी. यहां बता दें कि जेईई कंप्यूटर आधारित परीक्षा है जबकि नीट पारंपरिक तरीके से कलम और कागज पर होती है. इसके अलावा जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए पालियों की संख्या आठ से बढ़ाकर 12 कर दी गई है और प्रत्येक पाली में छात्रों की संख्या अब 1.32 लाख से घटाकर 85,000 हो गई है.
    बेशक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के लिए जेईई और नीट परीक्षा कराना बहुत आसान नहीं है. तकरीबन 25 लाख छात्रों की इन परीक्षाओं को करा ले जाने का हौसला भी अपने आप में बेशक बड़ा फैसला है. लेकिन मजबूत सरकारों के लिए ऐसे ही मुश्किल भरे फैसले लिटमस टेस्ट रहे हैं.

    सौजन्य से पाञ्चजन्य

  • स्कूल कॉलेज संचालन से जुड़ी समस्याओं को लेकर संगठन महामंत्री के साथ भेंट वार्ता

    स्कूल-कॉलेज संचालन से जुड़ी समस्याओं को लेकर माननीय प्रदेश संगठन महामंत्री आदरणीय श्री सुनील बंसल जी के साथ भेंट-वार्ता हुई, जिसमें लखनऊ के निजी स्कूल संचालक संगठनों के अध्यक्ष एवं सम्मानित प्रबंधक गण उपस्थित रहे। माननीय महामंत्री जी ने समस्याओं का उचित निस्तारण कराए जाने का आश्वासन दिया ।

  • स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर आधारित पुस्तक भेंट की ।

    प्रदेश मंत्री भाजपा श्रीमान त्रयंबक त्रिपाठी जी से भेंटकर उन्हें नवीन दायित्व की बधाई दी,तथा इस अवसर पर उन्हें स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर आधारित पुस्तक भेंट की।