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आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को खाद्यान्न;भारत सरकार संपूर्ण लागत वहन करेगी: श्री राम विलास पासवान अगस्त 2020 तक 23 राज्य/संघ शासित प्रदेश वन नेशन वन कार्ड योजना का हिस्सा होंगे मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों और गरीबों की दुर्दशा के प्रति संवेदनशील है और खाद्य और उपभोक्ता कार्य मंत्रालय यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है कि कोई भी भूखा न रहे। केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने कृषि भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से आज बातचीत के दौरान यह बात कही। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12मई 2020 को 20लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और विस्तृत पैकेज की घोषणा की थी। आर्थिक उपायों (आत्म निर्भर भारत अभियान) के अंतर्गत वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रवासी कामगारों सहित गरीबों की सहायता के लिए अनेक छोटे और दीर्घकालिक उपायों की घोषणा की। इनमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून या राज्य सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) कार्ड व्यवस्था में शामिल नहीं किए गए 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को प्रति व्यक्ति प्रति माह दो महीने के लिए (मई और जून, 2020) 5किलोग्राम मुफ्त अनाज और दालों का वितरण शामिल है केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने नई दिल्ली में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से बातचीत की श्री पासवान ने कहा कि कोविड-19 की इस अनिश्चित स्थिति के दौरान प्रवासियों की दुर्दशा को कम करने और उन्हें तथा उनके परिवारों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, 8 एलएमटी खाद्यान्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को आवंटित किया गया है और भारत सरकार राज्य के भीतर परिवहन, डीलरों के मार्जिन आदि सहित इस वितरण के मद में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वार आवंटन आदेश जारी किए गए हैं। किसी विशेष राज्य/संघ शासित प्रदेश में एनएफएसएके अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों की कुल संख्या का 10% हिस्सा आवंटन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे लाभार्थियों की पहचान और उन्हें खाद्यान्न का वितरण संबंधित राज्य/ संघ शासित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी होगी। पासवान ने बताया कि राज्यों/संघ शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे एक ऐसा तंत्र स्थापित करें, जिसमें आवंटित खाद्यान्न पूरी तरह वितरित करने के बाद उसका वितरण कुल मिलाकर पीएमजीकेएवाई के मामले में अपनाए गए पैटर्न पर खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के साथ साझा किया जा सके। राज्य/संघ शासित प्रदेश बचे-खुचे/शेष खाद्यान्न के साथ विवरण की जानकारी 15 जुलाई, 2020 तक दे सकते हैं, यदि कोई हो। श्री पासवान ने कहा कि वह खाद्यान्न के वितरण की समीक्षा करने के लिए अगले सप्ताह सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा, श्री पासवान ने कहा कि ‘वन नेशन वन कार्ड’योजना के तहत राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए, विभाग ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (आईएम-पीडीएस) का एकीकृत प्रबंधन शुरू किया है। उन्होंने आगे बताया कि 1 मई 2020 तक 17 राज्यों संघ शासित प्रदेशों के लाभार्थियों ने ‘वन नेशन वन कार्ड’ योजना शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि जून 2020 तक 3 और राज्य/संघ शासित प्रदेश जुड़ जाएंगे और अगस्त, 2020 तक कुल 23 राज्य/संघ शासित प्रदेश इस योजना का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि डीओएफपीडीमार्च 2021 तक सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में इस योजना को लागू करने का लक्ष्य बना रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय में, प्रवासी मजदूर ओएनओसीयोजना से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे, क्योंकि पीडीएस लाभार्थी ‘वन नेशन वन कार्ड’ में शामिल राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों में किसी भी समय बायोमीट्रिक सत्यापन के साथ किसी भी एफपीएस की दुकान से अपना राशन कार्ड ले सकते हैं।
अपने लक्षणों के बारे में बताने में संकोच न करें। अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए हमारी मदद करें। हमें मिलकर COVID19 से लड़ना है। इलाज संभव है, यदि आप इसके लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत ऑल इंडिया हेल्पलाइन नंबर 1075 (टोल फ्री) पर कॉल करें और अपनी सुरक्षा के लिए हमारी मदद करें।
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति देने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत विशिष्ट प्रस्तुति दी।
COVID-19 से लड़ने के लिए राज्यों को चिकित्सीय उपकरणों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कर रही मोदी सरकार। वर्तमान में COVID चिकित्सा उपकरण पर्याप्त मात्रा में हैं उपलब्ध। आईसीयू , वेंटिलेटर और ऑक्सिजन की श्रेणियों में बेड का प्रयोग 10% से भी कम है।
केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, ने कृषि विपणन को मजबूत करने और किसानों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल की उपज बेचने की सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) के साथ आज 177 नई मंडियों को जोड़ा। आज जोड़ी गई मंडियां इस प्रकार हैं: गुजरात (17), हरियाणा (26), जम्मू और कश्मीर (1), केरल (5), महाराष्ट्र (54), ओडिशा (15), पंजाब (17), राजस्थान (25), तमिलनाडु (13) और पश्चिम बंगाल (1)। 177 अतिरिक्त मंडियों के शुभारंभ के साथ, देश भर में ईएनएएम मंडियों की कुल संख्या 962 हो गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नई मंडियों का शुभारंभ करते हुए, श्री तोमर ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ईएनएएम को और मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी के महत्वाकांक्षी उपयोग के रूप में ईएनएएम पोर्टल की परिकल्पना की गई है।इससे पहले, 785 मंडियों को 17 राज्यों और 2संघ शासित प्रदेशों में ईएनएएम के साथ जोड़ा गया था, जिसका उपयोग करने वाले 1.66 करोड़ किसान, 1.30 लाख व्यापारी और 71,911 कमीशन एजेंट थे। ईएनएएम प्लेटफॉर्म पर 9 मई 2020 तक, कुल 3.43 करोड़ मीट्रिक टन और संख्या में 37.93 लाख (बांस और नारियल) का कारोबार किया गया जिसका सामूहिक मूल्य 1 लाख करोड़ रूपये से अधिक है। ईएनएएम प्लेटफॉर्म के रास्ते 708 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान किया गया जिससे 1.25 लाख से अधिक किसानों को फायदा हुआ है। ईएनएएममंडी /राज्य की सीमाओं से परे व्यापार की सुविधा देता है। 12 राज्यों में अंतर-मंडी व्यापार में कुल 236 मंडियों ने भाग लिया, जबकि 13 राज्यों /संघ शासित प्रदेशों ने अंतर-राज्य व्यापार में हिस्सा लिया, जिससे किसानों को दूर के व्यापारियों के साथ सीधे बातचीत करने की अनुमति मिलती है। वर्तमान में, खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार ईएनएएमपर किया जा रहा है। ईएनएएम प्लेटफॉर्म पर 1,005 से अधिक एफपीओ पंजीकृत हैं और इसने 7.92 करोड़ रुपये मूल्य की 2900 मीट्रिक टन कृषि उपज का कारोबार किया है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मंडियों से भीड़भाड़ कम करने के लिएकृषि मंत्री ने 2 अप्रैल 2020 को एफपीओ ट्रेड मॉड्यूल, लॉजिस्टिक्स मॉड्यूल और ईएनडब्ल्यूआर आधारित भंडारण मॉड्यूल की शुरूआत की थी। तब से 15राज्यों के 82एफपीओ ने 2.22 करोड़ रूपये मूल्य के 12048 क्विंटल जिंसों की कुल मात्रा के साथ ईएनएएम पर कारोबार किया है। नौ (9) लॉजिस्टिक्स सर्विस एग्रीगेटर्स नेईएनएएमके साथ साझेदारी की है, जिसमें 2,31,300 ट्रांसपोर्टर्स हैं, जो ईएनएएम साझेदारों की परिवहन सेवा जरूरतों को पूरा करने के लिए 11,37,700ट्रकों की उपलब्धता प्रदान कर रहे हैं। राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) भारत सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी और सफल योजना है जो मौजूदा एपीएमसीमंडियों का समूह बनाती है ताकि कृषि जिंसोंके लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाया जा सके। इससे क्रेता और विक्रेता के बीच सूचना की असमानता को समाप्त कर और वास्तविक मांग और आपूर्ति के आधार पर वास्तविक समय मूल्य खोज को बढ़ावा देकर एकीकृत बाजार में प्रक्रियाओं को सरल बनाकर कृषि विपणन में एकरूपता को बढ़ावा दिया जा सकता है। 1 मई 2020 को, श्री तोमर ने 7 राज्यों से 200 ई-एनएएममंडियों को जोड़ना शुरू किया था, जिसमें भारतीय किसानों की मदद के लिए ई-एनएएम पर कर्नाटक के 1 नए राज्य को जोड़ा गया था। इसके अलावा, केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कर्नाटक के आरईएमएस (एकीकृत बाजार पोर्टल-यूएमपी) और ई-एनएएमपोर्टल के बीच अंतर-संचालन भी शुरू किया था। यह इन दोनों प्लेटफार्मों के बीच अंतर-संचालन सुविधा का उपयोग करके, दोनों प्लेटफार्मों के व्यापारियों और किसानों को व्यापार के लिए अधिक बाजारों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करता है। अपने पहले चरण (585 मंडियों को जोड़ने) में ई-एनएएम की उपलब्धियों को देखते हुए, यह 15 मई 2020 से पहले 415 अतिरिक्त मंडियों को जोड़ने के साथ अपने पंख फैलाकर विस्तार के मार्ग पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री की “वन नेशन वन मार्केट” की संकल्पना को पूरा करने के लिए 18 राज्यों और 3 संघ शासित प्रदेशों में ईएनएएम मंडियों की कुल संख्या 1,000 से अधिक हो गई है। राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम), भारत में कृषि जिंसों के लिए मौजूदा मंडियों को “वन नेशन वन मार्केट” से जोड़ने के उद्देश्य से एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल की14 अप्रैल 2016 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुरूआत की थी। लघु किसान कृषि व्यवसाय संकाय (एसएफएसी) भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में ईएनएएम को लागू करने की प्रमुख एजेंसी है। एनएएम पोर्टल एपीएमसी से संबंधित सभी सूचनाओं और सेवाओं के लिए एक एकल खिड़की सेवा प्रदान करता है जिसमें जिंसों के आने, उनकीगुणवत्ता और मूल्य शामिल होते हैं, व्यापार प्रस्तावों और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का किसानों के खातों में सीधे निपटान करने का प्रावधान है और बेहतर बाजार पहुंच में उनकी मदद करता है।
होम क्वारंटाइन के दौरान निम्न सावधानियों का पालन करें: 14 दिनों तक अलग कमरे में अकेले रहें हाथों को बार-बार धोएं मास्क पहने रहें स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें घर के सदस्यों से दूरी बनाकर रखें अपनी वस्तुएं दूसरों से साझा न करें याद रहे छींकते और खांसते समय मुंह व नाक को ज़रूर ठंक लें। इससे आप खुद की और दूसरों की रक्षा कर सकते हैं ।
COVID19India की आज शाम 5 बजे तक की स्थिति का राज्यवार ब्यौरा भारत सरकार राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के साथ मिलकर एक क्रमिक, पूर्व-निर्धारित और सक्रिय दृष्टिकोण को अपनाते हुए कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन की दिशा में कई प्रकार के कदम उठा रही है। इनकी उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है।